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हा यह सत्य है, YQ एक सुन्दर परिवार है। इतने अच्छे

हा यह सत्य है, YQ एक सुन्दर परिवार है।

इतने अच्छे सदस्य यहाँ, मैं भी बन गई इस परिवार का हिस्सा।
यहाँ के सदस्यों के बारे में बताऊँगी, लिखूँगी मैं इनका किस्सा।।

YQ प्रीमियम होने का संदेशा आया, दिलों पर दुःख का बादल छाया।
राशि भी घटाकर कम की गई, पर लोगों से भुगतान ना हो पाया।।

मैं भी पड़ गई उलझन में, ये नेह सफ़र शुरू होते थम सा गया।
निरन्तर चलने वाली लेखनी पर, एकाएक विराम सा लग गया।।

पर जैसे ही मेरे में नोटिफिकेशन आया, नेह हृदय में प्रसन्नता छाया।
गिफ्ट में मिला प्रीमियम सब्सक्रिप्शन, नयनों से अश्रु का सैलाब आया।।

बहन  नज़्म हीर ने मेरा नाम सुझाया, भाई ने था अपना फ़र्ज़ निभाया।
अनजान थे हम एक दूजे से, देख ऐसा काज मुझे ख़ुद पर शर्म आया।।

अंगुलियाँ चलने लगी गिफ्ट कॉलम पर, वहाँ अनजाना नाम पाया।
पल्लव, मोहित, नीता, लोकेश, ऐसे अनमोल रत्न नाम था छाया।।

गर्व हुआ मेरे भारतीय होने पर, तभी तो इस देश में है बंधुत्व भाया।
सहायता करने ना जाने कितने हाथ आगे बढ़े, बस सब्सक्रिप्शन छाया।।

थमे न लेखनी किसी की, दानवीर बनकर ये सब YQ पर आगे आए।
निखरती रहे लेखनी युवाओं की, इन्होंने अपनी पॉकेट मनी लगाए।।

मैं भी वो खुशनसीब हूँ, जिसकी इन्होंने हर सम्भव सहायता किया।
आभारी हूँ आपकी, पर शब्दकोश रिक्त, आपने मुझे इतना कृतघ्न किया।।— % & #collabwithकोराकाग़ज़
#गणतंत्रदिवस2022
#गणतंत्रभारत
#विशेषप्रतियोगिता
#कोराकाग़ज़
#kknubgupta
हा यह सत्य है, YQ एक सुन्दर परिवार है।

इतने अच्छे सदस्य यहाँ, मैं भी बन गई इस परिवार का हिस्सा।
यहाँ के सदस्यों के बारे में बताऊँगी, लिखूँगी मैं इनका किस्सा।।

YQ प्रीमियम होने का संदेशा आया, दिलों पर दुःख का बादल छाया।
राशि भी घटाकर कम की गई, पर लोगों से भुगतान ना हो पाया।।

मैं भी पड़ गई उलझन में, ये नेह सफ़र शुरू होते थम सा गया।
निरन्तर चलने वाली लेखनी पर, एकाएक विराम सा लग गया।।

पर जैसे ही मेरे में नोटिफिकेशन आया, नेह हृदय में प्रसन्नता छाया।
गिफ्ट में मिला प्रीमियम सब्सक्रिप्शन, नयनों से अश्रु का सैलाब आया।।

बहन  नज़्म हीर ने मेरा नाम सुझाया, भाई ने था अपना फ़र्ज़ निभाया।
अनजान थे हम एक दूजे से, देख ऐसा काज मुझे ख़ुद पर शर्म आया।।

अंगुलियाँ चलने लगी गिफ्ट कॉलम पर, वहाँ अनजाना नाम पाया।
पल्लव, मोहित, नीता, लोकेश, ऐसे अनमोल रत्न नाम था छाया।।

गर्व हुआ मेरे भारतीय होने पर, तभी तो इस देश में है बंधुत्व भाया।
सहायता करने ना जाने कितने हाथ आगे बढ़े, बस सब्सक्रिप्शन छाया।।

थमे न लेखनी किसी की, दानवीर बनकर ये सब YQ पर आगे आए।
निखरती रहे लेखनी युवाओं की, इन्होंने अपनी पॉकेट मनी लगाए।।

मैं भी वो खुशनसीब हूँ, जिसकी इन्होंने हर सम्भव सहायता किया।
आभारी हूँ आपकी, पर शब्दकोश रिक्त, आपने मुझे इतना कृतघ्न किया।।— % & #collabwithकोराकाग़ज़
#गणतंत्रदिवस2022
#गणतंत्रभारत
#विशेषप्रतियोगिता
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