भले ना हो कोई तबर्रुख इस इकपक्षिक प्रेम का- मिला वही तकसीम उसके इश्क के मजलुम को- जग भी देखा मजमा वहीं जहां चल रहा था आम तब्देली हमारे जज्बात का- रो पड़ा कायनात भी पुछा, था क्या कसूर बिचारे अनिन्द्य शक्स का- #जज्बात #इश्क़ #एकतरफाप्यार #yqdidi #yqbaba