जोड़ा अपनों ने ही और तोड़ा भी अपनों ने ही, इस नाज़ुक से दिल को मेरे, निचोड़ा अपनों ने ही कब देते हैं प्यार, बड़े होकर दयाद बना डाला मुझे,और मेरे खुशियों को लुटा मेरे अपनों ने ही ©DRx Virendra Prajapati #Manmarziyaan