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आँखे मेरी बंद है, ख़ामोशी मेरी ज़ुबा पर है दर्द भी ल

आँखे मेरी बंद है, ख़ामोशी मेरी ज़ुबा पर है
दर्द भी लहूलुहान है,सोच मेरी फर्श पर है
वक़्त गुजर जाने का डर है
डर बढ़ रहा है वक़्त गुजर रहा है
बोल मेरे बिखरे पड़े है,दिल मेरा आग उगल रहा है
पाँव मेरे डगमगा रहे है,खोफ मुझे खोखला बना रहा है
परछाई मेरी स्थिर है ,मन मेरा चिल्ला रहा है
अँधेरा चारो तरफ छा रहा है
इंतज़ार मुझे चांदनी रात का है #बैचेन_मन
आँखे मेरी बंद है, ख़ामोशी मेरी ज़ुबा पर है
दर्द भी लहूलुहान है,सोच मेरी फर्श पर है
वक़्त गुजर जाने का डर है
डर बढ़ रहा है वक़्त गुजर रहा है
बोल मेरे बिखरे पड़े है,दिल मेरा आग उगल रहा है
पाँव मेरे डगमगा रहे है,खोफ मुझे खोखला बना रहा है
परछाई मेरी स्थिर है ,मन मेरा चिल्ला रहा है
अँधेरा चारो तरफ छा रहा है
इंतज़ार मुझे चांदनी रात का है #बैचेन_मन