कर्म की सोचूं या किस्मत की ? धर्म की सोचूं या धन की ? हल की सोचूं या कल की ? हर मोड़ पर दोराहे हैं। जरूरत की सोचूं या हसरत की ? नुसरत की सोचूं या नफरत की ? नेम की सोचूं या प्रेम की ? हर मोड़ पर दोराहे है। दोराहे है हर मोड़ पर, गीतेय इसमें दोहराई नहीं। फुरसत में सोचे या कुरबत में ? गीतेय यहां भी दोराहे हैं।। #dorahein #rahgeer #gitey007 #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqaestheticthoughts #yqhindi