मन का हर अन्तर्द्वन्द जब खत्म हो गया जितेन्द्रिय बन सिद्धार्थ, बुद्ध हो गया... सत्य, अहिंसा का पथ अटल है जगत मिथ्या यह विश्वास हो गया... जगत का सार तत्व प्रेम है काम, क्रोध, मोह जीत कर बुद्ध हो गया... सर्व ज्ञानी हो कर जल जैसा निर्मल हो गया सरल हो कर, मुस्करा कर बुद्ध हो गया... #budha #बुद्धपूर्णिमा #बुद्ध #yourquotedidi #yourquotebaba