कैसे तुझे भूल जाऊ मेरी सुबह तेरी सुबह से होती तू जब हस्ती है तो मेरी हसी तुझमें मिल जाती माना कि बात नहीं करते लेकीन दिल में तो तेरे ही ख्याल आते रहते तू कहती है भूल गया है मुझे ,कैसे तुझे भूल जाऊ हर पल मेरा तू ख्याल रखती कहीं जाऊ तो मना करती किसी से बात करूं तो नाराज हो जाती फिर तेरी फिकर मुझे क्यों ना रहेगी तुझे ना चाहते हुए भी तुझे नहीं भूल सकते फिर कैसे भूल जाऊ तुझे! ©param parma shekhar #lostinthoughts