आवाज़ न हो तो यह मत मान लेना कि कुछ टूटा नहीं है, विश्वास, दोस्ती, वादा, रिश्ता, दिल जब टूटते हैं... तब आवाज़ नहीं होती... ८५/३६५@२०२१ टूटकर फिर न जुड़े, बांधे गठान दिख जाए। yreeta-lakra-9mba