कुछ तो है अधुरा सा मुझमें , तभी तो दर्द से भरा हुँ , कुछ तो है कहना मुझे , तभी तो लिखता रहता हुँ , कुछ तो बाकी हैं मुझमें , तभी तो हँसता रहता हुँ , कुछ तो हैं सुनना मुझे , तभी तो गुमसुम रहता हुँ , कुछ तो है आँखों मैं मेरी , तभी तो अब भी सपने बुनता हुँ । ©Ankur Mishra #Madman