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सोचता हूं कभी कुछ लिखू उसके लिए भी फिर सोचता हूं

सोचता हूं कभी कुछ लिखू उसके लिए भी
फिर  सोचता हूं जो मुझे ही ना समझ सका
वो मेरे अल्फ़ाज़ क्या समझ सकेगा
mere alfaaz 💝💝💝💝 sochta hu
सोचता हूं कभी कुछ लिखू उसके लिए भी
फिर  सोचता हूं जो मुझे ही ना समझ सका
वो मेरे अल्फ़ाज़ क्या समझ सकेगा
mere alfaaz 💝💝💝💝 sochta hu