सपनों की दुनिया इस वास्तविक दुनिया से कई बेहतर है यहां प्रत्येक क्षण चमत्कार जैसा लगता है इनमे सब कुछ संभव है , हर कुछ मुमकिन है यहां की दुनिया बिल्कुल मेरे अनुकूल है। यहां हूं मैं, सब चिंताओं से दूर , कोई डर नहीं सम्पूर्ण भोग विलास से युक्त और प्रेयसी के सम्मोहन में केंद्रित हां तुम मेरी #मादकता हो , और हां तुम मेरे #उन्माद किसी की वफा पर कोई संदेह नहीं प्रेम बस प्रेम और असीम अथाह प्रेम । इतने में ही खुल जाती है मेरी नींद करीब साढ़े छः बजे है। शून्य में खो जाता है चमत्कारी जगत सूर्य का प्रकाश अलसाई आंखो में, चकाचौंध कर देता है मेरे चलनशिल दूरभाष में खुला है पेज न. 107 - #चित्रलेखा सामने खुला आसमान , ठंडी हवाएं गाय के रंभाने के साथ पक्षियों कि चहचहाहट और एक मिट्टी का बना घर जिसके आंगन में लेटा हूं मैं ज़रूरी है कि मुझे अपने जीवन में सपनों और असलियत का फर्क समझना ही होगा। #chai