क्यों रहे लिपट कर ,सिमट कर वो, पुराने ख़यालो में, रीतिरिवाजों में, क्यों रहे दुबक कर, झुक कर वो, मर्दों की ऊँची आवाज़ों में।। क्यों रहे वो चुपचाप अकेली, क्यों रहे सहमी सी घर की बंद दीवारों में, क्यों बने कठपुतली वो सबके हाथों की, क्यों नाचती रहे वो सबके इशारों में।। क्यों न उड़े वो हौसलों की पर लिए, खुली आसमां में ,खुली फिज़ाओं में, कुछ ऐसा हो कि वो जहाँ जाए बेहतर करे, औऱ नाम करे हर दिशाओं में।। अब पर्दे , घूंघट को बंद करो , कब तक रखोगे माँ बहनों को बुर्खों में, हिजाबों में; रचने दो अब इतिहास उन्हें; ताकि लोग पढ़ें उन्हें किताबों में।। लोग पढ़े उन्हें किताबों में।। 🍁💓 #yqbaba #yqdidi #yqquotes #woman #girl #impowerment #life #respect