➖️➖️➖️🖋🖋ग़ज़ल 🖋🖋➖️➖️➖️ 1222 1222 1222 1222 Akram Tyagi Shayri कभी रुकते नहीं आंसू ,कहां जाऊं कहां जाऊं ब्लॉए हैं यहां हरसू कहां जाऊं कहां जाऊं ------*------*-----*----- लगाकर टेक बैठा है, मेरी किस्मत में ग़म यारों नहीं चलता मेरा काबू ,कहां जाऊं कहां जाऊं ------*------*-----*----- दिखाई भी नहीं देता, खुशी का अब मुझे रस्ता हवा लाती नहीं ख़ुशबू ,कहां जाऊं कहां जाऊं ------*------*-----*----- जलाकर राख ना कर दे ,गरीबी की मुझे लपटें यहां कोई नहीं दिल जू ,कहां जाऊं कहां जाऊं ------*------*-----*----- मुसीबत में नहीं कोई ,बनी के है यहां साथी पुकारू में किसे यकरु ,कहां जाऊं कहां जाऊं ------*------*-----*----- मुझे मंजिल नहीं मिलती ,परेशां हो के बैठा हूं दुराहे पर हुआ यकसू ,कहां जाऊं कहां जाऊं ------*------*-----*----- सितारा बदनसीबी का ,नजर आया जिधर देखा नजर आता नहीं गुलरू ,कहां जाऊं कहां जाऊं ------*------*-----*----- खुदा ने भेजकर अकरम ,मदद की है वहां देखो बता रास्ता मुझे आहू, कहां जाऊं कहां जाऊं ➖️Shayer Akram Tyagi शब्द ➖️अर्थ 👇 👇 हरसू ➖️चारों तरफ दिल-जू ➖️दिल हाथ में लेने वाला यकरू ➖️सच्चा दोस्त यकसू➖️ ठहरा हुआ गुल-रू ➖️फूल जैसे चेहरे वाला आहू ➖️हिरन ©Akram Tyagi The Poet बलाए है यहां हरसु,कहां जाऊं कहां जाऊं #gazal #Akramtyagishayri #sad_poetry #Dard #urduadab #Urdughazal shayer rajnikantdixit Writer kaur writersahabmathura Alfaaz Tere Mere 😌Dil_ke_Alfaz😌💔😔