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सुबह से शब उतार देते हैं सारे मज़हब उतार देते हैं

सुबह से शब उतार देते हैं
सारे  मज़हब उतार देते हैं
हम तो शायर हैं एक पन्ने पे
राम और रब उतार देते हैं

--प्रशान्त मिश्रा

*(शब= रात) "उतार देते हैं"
सुबह से शब उतार देते हैं
सारे  मज़हब उतार देते हैं
हम तो शायर हैं एक पन्ने पे
राम और रब उतार देते हैं

--प्रशान्त मिश्रा

*(शब= रात) "उतार देते हैं"