कहना है बहुत कुछ बताना है बहुत कुछ पर बात पहुँचती ही नहीं अपने गंतव्य तक जाना है दूर तलक,पहुँचना है क्षितिज तक मंजिल है अभी,आँखों से ओझल दूर कहीं मिलना है सभी से,अपनाना भी है सभी को दिखता नहीं 'अपनापन' किसी में कहीं तक 'उथल-पुथल' मन में हर समय ज़रूर कुछ कारण का ज्ञान किसी को कुछ भी तो नहीं सभी कहते,साथ हैं तुम्हारे जब पुकारो हमें आती समस्याएँ हैं समाधान कोई देता नहीं 'ज़िंदगी अनमोल है' नारे तो लगाते हैं सभी ज़िंदादिली दिखाता अपनी,दिखता कोई नहीं कहना तो है बहुतों से बहुत कुछ सभी को सुनने को तैयार किसी को कोई लगता नहीं Muनेश...Meरी✍️🌿 क्या करें, बात पहुँचती ही नहीं। #बातपहुँचतीनहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi