इक राह न कोई पटरी है ना चका हैं बिना ईजन के देती जिन्दगी धका है मक़सद कहाँ से लाऊ में इतने पका है इक ख्याविहश पुरी नहीं होती हैं लाखों ने और घर बसा रखा है इक राह न कोई पटरी है ना चका हैं बिना मतलब नहीं पुछता कोई हाल पका है #sanjaychampapur #apanakalamasanjay #मेरीडायकीकेकुछपन्ने #life