बेसब्र हूँ,बेताब हूँ फिर से क़लम उठाने को, कुछ टूटे शब्दों को जोड़कर गुनगुनाने को , निकल पड़ा हूँ,सफ़र के एक नए डगर पर मंजिल है बस लोगो के दिलों घर बनाने को ।। ©कवि राहुल पाल शुभ सन्ध्या #Thinking #Nojoto #KRP #nojatohindi #hindi #nojotowriters