सूरज निकला तो दिन शुरू, सूरज ढ़लते ही दिन ख़त्म। अब मेरी हर बात भी , तुमसे शुरू तुमपर ख़त्म।। मिलने का तो पता नहीं, तुम कब मिलो हम कब मिलें। तुम सोचो ऐसा क्या करें, जो हम और तुम जल्दी मिलें।। सुबह-शाम बस लिखता जाऊँ, हों तब भी न ये बात ख़त्म।। अब मेरी हर बात भी , तुमसे शुरू तुमपर ख़त्म।। @Navdeep sir #तुमसे.शुरू #तुमपर.ख़त्म #nojoto.shayari