Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो जो पलकें बिछाए इंतजार करती थी वो जो रातों को त

वो जो पलकें बिछाए इंतजार करती थी 
वो जो रातों को तारे गिना करती थी
वो जो नित नये बहाने से मिलती थी
वो जो हर साँस पे नाम उसका जपती थी
वो जो फूलों सी खिलखिलाया करती थी
कल देखा उसको गुमसुम सा
शायद कुछ अन्दर टूटा था
खुशियों का साथ सा छूटा था
आँखे जो न देख पाई थी
मन की आँखे पढ गई वो शायद
शायद थी मन को ठेस लगी
कुछ टूटा था हर कोने में
रब खैर करे शब खैर करे....
 आँखें न देख सकीं...
#आँखेंनदेखसकीं #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
वो जो पलकें बिछाए इंतजार करती थी 
वो जो रातों को तारे गिना करती थी
वो जो नित नये बहाने से मिलती थी
वो जो हर साँस पे नाम उसका जपती थी
वो जो फूलों सी खिलखिलाया करती थी
कल देखा उसको गुमसुम सा
शायद कुछ अन्दर टूटा था
खुशियों का साथ सा छूटा था
आँखे जो न देख पाई थी
मन की आँखे पढ गई वो शायद
शायद थी मन को ठेस लगी
कुछ टूटा था हर कोने में
रब खैर करे शब खैर करे....
 आँखें न देख सकीं...
#आँखेंनदेखसकीं #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
nii1nonly6681

Nii 1n only

New Creator