तुम्हारे पाँव के नीचे बिछाता ही रहा ताउम्र मोहब्बत में बिचारे दिल को मैंने दिल नहीं समझा @Ghumnam Gautam घपोचन जी कहिन–८ """"""""""" घपोचन जी फ़ोन पर― "ऐ तिवारी जी!ई ठाकुर जी कहाँ हैं? आजकल बहुतै याद आ आ रहे हैं उ। जे है से कि उनकी "जोगार-छमता (जुगाड़-क्षमता)" सॉलिड न है! अउर हमको जोगार करवाना है... पटना से तिवारी जी― "घर पर ही होगा,लॉक-डाउन में कहाँ जाएगा?"