#OpenPoetry तुम ख़्वाब देखों, हकीकत हम बनाएँगे । तुम्हें करेंगे चाॅकलेट के लिए परेशान, फिर तुम्हारे चहरे पर हँसी भी हम लाएँगे । जब भूल जाओगे अपने सारे गम तब चाॅकलेट अकेले-अकेले हम खाएँगे, तुम दूर से देखना हम तुम्हें चिड़ाएँगे । तुम बनना टोम हम जैरी बन कर सताएँगे, अकसर साथ मिल कर चाॅकलेट भी तो खाएँगे। हम शुरू करेंगे दोस्ती का गाना फिर दोनों साथ गुन-गुनाएँगे, इन ही लफ़्ज़ो के साथ दोस्ती ज़िन्दगी भर निभाएँगे। - काज़ी मुईज़ हाशमी तुम ख़्वाब देखों, हकीकत हम बनाएँगे । तुम्हें करेंगे चाॅकलेट के लिए परेशान, फिर तुम्हारे चहरे पर हँसी भी हम लाएँगे । जब भूल जाओगे अपने सारे गम तब चाॅकलेट अकेले-अकेले हम खाएँगे, तुम दूर से देखना हम तुम्हें चिड़ाएँगे ।