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ये नज़्म-गीत ग़ज़ल कुछ नहीं फ़क़त दिल ने, दर्द की

ये नज़्म-गीत ग़ज़ल कुछ नहीं फ़क़त दिल ने,
दर्द की टीसों को अल्फ़ाज़ में पिरोया है।।

नम हैं पलकें तेरी ऐ मौज-ए-हवा कुछ तो बता,
कौन है जो तिरे दामन में छुप के रोया है।।

वो भटकता हुआ आएगा कभी ख़्वाबों में,
मुद्दतों बाद यही सोचकर वो सोया है।।

आज बेचैन हैं 🌊 लहरें बहुत समंदर की,
फिर इन्होने किसी मासूम को डुबोया है।। #yqaliem #nazmghazal #dard_ki_tees #nam_palken #alfaaz #samandar 
Mauj-e-hawa #neend
ये नज़्म-गीत ग़ज़ल कुछ नहीं फ़क़त दिल ने,
दर्द की टीसों को अल्फ़ाज़ में पिरोया है।।

नम हैं पलकें तेरी ऐ मौज-ए-हवा कुछ तो बता,
कौन है जो तिरे दामन में छुप के रोया है।।

वो भटकता हुआ आएगा कभी ख़्वाबों में,
मुद्दतों बाद यही सोचकर वो सोया है।।

आज बेचैन हैं 🌊 लहरें बहुत समंदर की,
फिर इन्होने किसी मासूम को डुबोया है।। #yqaliem #nazmghazal #dard_ki_tees #nam_palken #alfaaz #samandar 
Mauj-e-hawa #neend