पापी पेट के लिये अपनों की परवरिश के लिये अपनों से बहुत दूर सही-गलत को कर मंजूर कर्म पथ पर अग्रसर नही था मालूम उन्हे जीवन दाता रोजगार ही मौत की भट्टी बन जायेगा। (08/12/2019) #"क्रूर अग्नि काल"#