फसल की चिंताओं में ठंडी रातो में भी जागता है, आंख खुलते ही खेतो की ओर भागता है, परवाह नही करता है वो धूप छांव की, न ही फिक्र करता है कंकड़ पत्थऱ छालो से भरे पांव की, कभी कभी उसकी आंखें पानी की इक बूंद को तरसती है, ओर कभी कभी बरसात उसकी आंखों को भी भरती है, फैशन की दुनिया छोड़कर एक दिन किसान के घर मे रहकर देखो, जितना वो करता है उससे आधा ही करके देखो, आसान होगा आपके लिए नेता और कलेक्टर बनना, आसान होगा पुलिस ट्रैफिक इंस्पेक्टर बनना, ले लो शर्त एक दिन के लिये किसान नही बन पाओगे, और न ही अपने कंधे पर उनकी तरह मेहनत का बोझा ढो पाओगे, Sarita😊 दो रीड #bharatband