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आ जाओ सावन के मौसम में फुहार भी है। गुल भी है गु


आ जाओ सावन के मौसम में फुहार भी है।
 गुल भी है गुलशन भी है और बहार भी हैं।

तुझसे मिलन के सपने सजा कर हम बैठे हैं।
तुझे बाहों में भरने की तलब जगाए बैठे हैं।

तेरी तलब इस कदर बढ़ रही है मेरे दिल में,
हम अपने दांतों से लवों को दबाए बैठे हैं।

तुझे सोच कर ही बहक रहा है मेरा तन मन,
हम तो अपनी सारी सुध बुध गवाएं बैठे हैं

आकर भर लो बाहों में आलिंगन करो मेरा,
हम तो जाने कब से सब कुछ लुटाए बैठे हैं।
-"Ek Soch"



 💐नमस्कार ..मैं GulnaaR
Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..
ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाये।

💐अपने भाव 10 लाईनों में लिखें ..
(10 lines एरोटिका poetry) 

💐 Font size छोटा रखें ताकी wall

आ जाओ सावन के मौसम में फुहार भी है।
 गुल भी है गुलशन भी है और बहार भी हैं।

तुझसे मिलन के सपने सजा कर हम बैठे हैं।
तुझे बाहों में भरने की तलब जगाए बैठे हैं।

तेरी तलब इस कदर बढ़ रही है मेरे दिल में,
हम अपने दांतों से लवों को दबाए बैठे हैं।

तुझे सोच कर ही बहक रहा है मेरा तन मन,
हम तो अपनी सारी सुध बुध गवाएं बैठे हैं

आकर भर लो बाहों में आलिंगन करो मेरा,
हम तो जाने कब से सब कुछ लुटाए बैठे हैं।
-"Ek Soch"



 💐नमस्कार ..मैं GulnaaR
Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..
ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाये।

💐अपने भाव 10 लाईनों में लिखें ..
(10 lines एरोटिका poetry) 

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