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जब शब्द ख़मोश हो जाये तो क्या बोलूं . जब जुबान लड़ख

जब शब्द ख़मोश हो जाये
तो क्या बोलूं . जब जुबान 
लड़खड़ाये तो क्या बोलूं .
जीवन की डगर कठिन है
बेजुबान हूँ जुबां होते हुए 
भी जब अंदर हो अनेकों सैलाब तो क्या बोलू
जब शब्द ख़मोश हो जाये
तो क्या बोलूं . जब जुबान 
लड़खड़ाये तो क्या बोलूं .
जीवन की डगर कठिन है
बेजुबान हूँ जुबां होते हुए 
भी जब अंदर हो अनेकों सैलाब तो क्या बोलू
mohdfaiz5550

Mohd Faiz

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