मेरे चारों ओर खामोशी है, तो मेरे अंदर कौन शोर करता है, जो मिला ही नहीं, जिसे देखा ही नहीं, वो धुंधला सा मुझे क्यों अखरता है, सोते सोते जो जाग जाते हैं, उन सपनों की बात क्यों करता है, ख्वाहिश है ख्वाब ख्वाब ही रहे, उसे जिन्दगी देने को मन क्यों करता है। ©Harvinder Ahuja #खमोशी और मै