मुझे डर है के आंधी क्या तूफ़ान लाएगा| हमारी दोस्ती को जब ज़माना जान जाएगा|| ये जो दिल है बांध है ग़मों का| गर जो टुटा फिर बरसात क्या शैलाब लायेगा|| Mujhe Dar Hai Ke Andhi Kya Tufan Layega Humari Dosti Ko Jab Jamana Jan Jayega Ye Jo Dil Hai Bandh Hai Gamon Ka Gar Jo Tuta Fir Barshat Kya Shailab Layega Adnan Rabbani's Shayari • मुझे डर है के आंधी क्या तूफ़ान लाएगा| हमारी दोस्ती को जब ज़माना जान जाएगा|| ये जो दिल है बांध है ग़मों का| गर जो टुटा फिर बरसात क्या शैलाब लायेगा||