पूर्ण शब्द "पिता" वो नदी का बहता जल है, हवा में उड़ती रेत हैं, बच्चे की हंसी हैं, किसी की खुशी हैं,किसी का गम है, किसी के आंसू है,किसी की उदासी है किसी की ख़ामोशी हैं,किसी की चाहत हैं, किसी की हसरत हैं,किसी की इबादत हैं, किसी का कुछ नहीं,पर किसी का सब कुछ है, किसी की छत हैं,किसी का पूरा घर हैं, कभी दोस्त हैं,कभी शिक्षक हैं, कभी सख़्त हैं, कभी नर्म हैं, बाकी का तो पता नहीं पर मेरे लिए पूरी दुनिया है, मेरे पिता। rajmani singh #rajmanisingh #FathersDay