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लिखूँगा कुछ अक्षर मेरे मिटने के बाद भी जो मेरे होन

लिखूँगा कुछ अक्षर
मेरे मिटने के बाद भी जो
मेरे होने का एहसास ज़िंदा रखेंगे।
कभी मेरी आह, कभी मेरी चीख,
कभी मेरा दर्द, कभी मेरा संघर्ष,
स्याही के स्याह रंगों में घुलकर,
आँखों से, कानों से होते हुए,
समरूप हो जाएँगे रुधिर के, और
दिल को झकझोर कर रख देंगे।
मेरी बेचैनी को चैन देंगे,
मेरे आँसुओं को थोड़ी ज़मीन देंगे,
देंगे मेरे लोगों को मिला-जुला एहसास,
कभी नीरस तो कभी एक बारिश खास, और
पैरों के निशान भी लिखूँगा, जिन्हें बढ़ाया है
मंज़िल की तरफ़, जाने किस मंज़िल की तरफ़।

©suraj kothari #अक्षर 
#कविता 
#याद
#मनकहे_अनकही 
#दर्द 
#लेखनी
लिखूँगा कुछ अक्षर
मेरे मिटने के बाद भी जो
मेरे होने का एहसास ज़िंदा रखेंगे।
कभी मेरी आह, कभी मेरी चीख,
कभी मेरा दर्द, कभी मेरा संघर्ष,
स्याही के स्याह रंगों में घुलकर,
आँखों से, कानों से होते हुए,
समरूप हो जाएँगे रुधिर के, और
दिल को झकझोर कर रख देंगे।
मेरी बेचैनी को चैन देंगे,
मेरे आँसुओं को थोड़ी ज़मीन देंगे,
देंगे मेरे लोगों को मिला-जुला एहसास,
कभी नीरस तो कभी एक बारिश खास, और
पैरों के निशान भी लिखूँगा, जिन्हें बढ़ाया है
मंज़िल की तरफ़, जाने किस मंज़िल की तरफ़।

©suraj kothari #अक्षर 
#कविता 
#याद
#मनकहे_अनकही 
#दर्द 
#लेखनी