हाँ ये सावन ही तो है... हाँ ये सावन ही तो है, जिसमें दिल के सारे गम बारिशों के बुंदों में घुल जाते हैं। आंखों के नमकीन आंसू में भी मिठास भर जाती है। हाँ ये सावन ही तो है, जो बचपन की सारी बचकानी बातें याद दिला देती है, वो बारिशों वेखौफ भिगना, वो कागजो के नाव बनाना और उसे यु पानी में तैराना जैसे अपने सपने तैर रहे हो। हाँ ये सावन ही तो है, जो अंदर की सारी उमंग को बाहर लाकर खुद में भिगो देती है। जिसमें प्यार का हर रंग दिख जाता है और प्यार के सारे गीत होंट गुनगुनाने लगते हैं। हाँ ये सावन ही तो है, जो सदीयों से अपने बूंदों के साथ खुशीयां बरसाती है। जो अच्छे-बुरे का भेद ना करके सबको खुद में भिगो देतीं हैं। हाँ ये सावन ही तो है, जिसकी हर एक बुंद मेरे रोम रोम को थिरकने पर मजबूर कर देती है। जो बदन में अपने स्पर्श से किसी को यादों के झूले में हमे झूलाती है। हाँ ये सावन ही तो है, जो हर किसान के होंटों पर मुस्कान और उनके खेतों में हरियाली लेकर आती है। जिसमें खेत रोपते वक्त रोपनियों के खुशीयों के गीत खेतों में गुनगुनाती है। हाँ ये सावन ही तो है, जिसके बूंदों में भीग कर कुछ बिमार तो कुछ अपनी थकान भूल जाते हैं। और बच्चे- बुढे सब सावन की पहली बारिश के आनंद में खो जाते हैं। स्नेहा गुप्ता #Sawan#Special #Joy #Fun #Masti #Love #Rain