झूठ बोले कौव्वा काटे हम सत्यवादी कौवा हैं जो हमारे सामने झूठ बोलता है हम काट ही खाते हैं। हम जब घर आंगन में बैठकर काँव काँव करते हैं तब तुम्हारे घर में मेहमान जरूर आते हैं। हम भले ही काले हैं लेकिन दिलवाले हैं हम एक आँख से काम चलाते हैं। आशिको ने ये अदा हमसे सीखी है आशिक भी तो एक आँख मारकर एक आँख से काम चलाते हैं। शायर:- शैलेन्द्र सिंह यादव #gif शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी हम काट ही खाते हैं।्