देखो उगा सूरज फिरसे नीले गगन मे हमे जगाने को, खोलो आँखें अपनी तैय्यार हो जाओ तुम नयी खुशियाँ पाने को, करो नयी शुरुआत होकर निडर अब करलो ज़िन्दगी से मुलाकात, खुदपर रखो भरोसा पा लोगे मंजिल तुम पूरी होगी अभिलाषा!! करो एक नयी #शुरूआत ढल चुकी है #कालीरात. #343poem #yqdidi #poetry #positivethinking #anewday #sunrise