.वो दर्द हजारों लेकर आये, आये तो वो जान हमारी लेकर जाये ,आये तो उसकी इक मुस्कान से झरने सागर हों वो ख्वाबों के शहर बहाये ,आये तो उसने बोला सब्र का मीठा फल होता हम कब से पाले ,आकर वो भी खाये तो "जीत" छुअन से उसकी हम भी मर जायें वो जेब को छोडे 😊दिल पे हांथ लगाये तो ©Malkeet jeet #fursat ke din