दिल का दर्द हल्का है.. जी भर ख्वाहिशों की साँस भर लेने दो... एक बरस बिता है गम और तन्हाई में बेशक... आज खुद को बाहों में भर लेने दो... ये जो गालों पे पगडंडी सी बन गयी आंसुओ की.. इन्हें आज मिटाना है.. गालों पे मुस्कुराहट की क्यारियां बन जाने दो.. हर गम को एक लम्हा ही जायज़ था...यादों के सिकन से आज उसे मिट जाने दो... बहुत दुस्वार कर रखा था खुद को महफिलों से... आज मुझे फिर साकी से मिल जाने दो। This has been my favorite.