मैं मेले में ख़ुशियाँ ढूँढता रहा और ये बच्चें ख़ुशियों का ख़ज़ाना लूट गए । घर मैं भी लौटा,घर ये भी लौटे मैं चुप था सोचकर कि अब वो बात नहीं रहीं और ये बच्चें अब भी मेले की बात करते रहे । मैं हैरान था, परेशान था ! ये क्या देख लिए जो मैंने नहीं देखा? फिर अन्दर से एक आवाज़ आयी, अरे "#मुकेश ! "ये बच्चे है बच्चे "जो तुम अब नहीं रहें।।। @mukesh_inscribe# #Bachpan