#ईद_का_चांद ए चांद निकलना है तो फिर आज निकल जा कल वो तेरे दीदार में लज़्ज़त नहीं होगी नज़रें नहीं ढूंढेंगी,छतें सूनी रहेंगी कल चांद तेरी वैसी अहमियत नहीं होगी #ईद_का_चाँद