लड़ सकूं मुसीबतों से वो कला दो मुझे। जुगनू सा हूं मैं जरा और जला दो मुझे। बन चुका हूं इक मोम का पुतला सा मैं.. प्रेम की पावन तपन से गला दो मुझे। ✒️ अनिल मुदगल #Poem#Lover