पपीहे आस लगाए बैठे हैं गावों में, और यहां बारिश हुई छत की छाव में।। हम कुछ तू ही निकले थे घूमने, साला कांटा भी तभी चुभा जब चप्पल नहीं थी पाव में।। बारिश का मौसम