नींद न आना तो एक बहाना सा था ईरादा तो तेरे संग रात बिताने की थी। तुम पलकें ओढ़े सो रही थी मै रात भर नींद को भगाता रहा। तेरी बेवफाई जो थी उस रात उस नींद की खातिर। ओ नींद मेरे पास भी आईं थी तुझसे जुदा करने मुझे। मै उस नींद को वफ़ा की पाठ पढ़ाता रहा। बड़ी खामोश थी ओ रात जब तुम सो रही थी। देखो न, मै तुम्हारा हो रहा था और तुम नींद की हो रही थी। कुछ देर बाद मै भी सो गया तुम्हारा होते होते। सब कुछ खो गया देखो न, सोते सोते । #कश्यप