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अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य व

अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्॥
सबको प्रणाम करना बुजुर्गों की सेवा करना नम्रता रखना इस प्रकार व्यक्ति की चार चीजें हमेशा बड़ती हैं आयु, विद्या, यश और बल

©संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages #dhoop
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्॥
सबको प्रणाम करना बुजुर्गों की सेवा करना नम्रता रखना इस प्रकार व्यक्ति की चार चीजें हमेशा बड़ती हैं आयु, विद्या, यश और बल

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