अरे सखी कोई मंगळ गाओ री आये है घनश्याम श्याम ने बधाओ, नाथ पधारे गळियों में, राहों में फूळ बिछाओ री, मिळने करो तैयारी ढिंढोरा पीटवाओ री, मंगळा गाओ गीत बनो मनमीत, मूंगा मोतीये बधाओ री सांवेळा री करो तैयारी सांवेळे बधाओ री, गाय दुहराओ गोमती दूधा सूं पैर पखारो री, भैंस दुहराओ भुरकी उजळी खीर रंधाओ री, ळाल रंधावो ळापसी, म्हाही माळविया गुड़ मिळाओ री, रुपे केरा थाळ सजावो, भोजन आज जिमाओ री काची केळ रा दातन ळावो झारी गंगाजळ नीर दिळाओ री, उपळी मेडी हरि उजळी म्हाही मोळिवो खाट उठे रेशम री रजाई रळाओ री, आहो सगळा मिळने करो जतन म्हारे सांवरे ने मीठे गीत सुणाओ री मैं वारी जावु बळिहारी जाऊ, म्हारा सांवरे ने गहरी नींद सुळाओ री ©Manak desai खम्मा घणी सा ❣️🤗🙏 राम राम सा ❣️🙏🙏🙏 जय श्री हरि ❣️🙏 मैं माणक उपस्थित हूँ आपके सामने और आज कुछ और लेकर आया हूँ,☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕ इस मनमोहक तस्वीर को देखकर ऐसा लगा कि मेरे श्याम आज सृष्टि की देख रेख करने निकले है अपने भक्तों का मान बढ़ाने आये है ❣️🤗🙏 शब्दों की कुछ जानकारी लिख रहा हूँ कुछ गलती हो जाए तो क्षमा कीजिएगा ❣️❣️🙏🙏🙏🤗☕☕☕☕☕☕ शब्दार्थ--- बधाओ- स्वागत करना,