एक तरफ़ा प्यार सूखी नज़रें महफ़िल में फुहार मांगतीं हैं पूछे गये सवालों का जवाब मांगतीं हैं कैसे कहते हम उन्हें हाल दिल के राज का समंदर की गहराई से आवाज़ मांगती हैं लफ्ज़ भी फिर खो गये शोखी को उनकी देखकर लड़खड़ाती हुई जुवां से अल्फ़ाज़ माँगती हैं अपनी बिखरी ज़िन्दगी का उन्हें हिसाब क्या देते बेख़बर परिंदों से जीने का अंदाज़ मांगती हैं नज़रों की उस चुभन को महसूस करते रहे जलते हुए अंगारों से वो आग माँगती हैं उन ठहरी हुई पलकों को देखकर यूँ लगा जैसे बनने को हमराज़ दिल के राज़ माँगती हैं धड़कने लगा ये दिल फिर खुमार को उनके देखकर थमती हुई सांसों से शराब माँगती हैं हर दर्द की गहराइयों में यही नज़र आता है दिल से जैसे मौसम ए बहार मांगती हैं #december #love #firstlove #ektarafapyar #day21