White पलकें झुकाये हुस्न बे हिसाब लिये बैठी है। मुस्कान लबों पे हाँथो मे गुलाब लिए बैठी है। बङी हसरत थी उन्हे देखने की दिल में मेरे वो है कि चेहरे पे हिज़ाब लिये बैठी है। डर तो है कि देख उन्हे मदहोश न हो जाए दिल मयख़ाना है वो आँखो में शराब़ लिये बैठी है। बहुत गरूर हैं ऐ चाँद चमकने पे तुझे देख रुख़सारों वो अपने तेरा ज़वाब लिए बैठी है। आये करीब तो उसे इस तिल की कीमत बताये ,,सैज,, क्या दौलत वो अपने होठों पर नायाब लिए बैठी है। ©saij salmani #moon_day shruti