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जब जीवन राम मय हो जाए तब शुन्यता और पूर्णता, दोन


जब जीवन राम मय हो जाए
तब शुन्यता और पूर्णता, 
दोनों का अनुभव एक साथ होने लगता है । 
 अगर सम्पुर्ण सृष्टी के आदर्श श्रीराम हो तो ये धरती स्वर्ग है ।

जब जीवन राम मय हो जाए
तब शुन्यता और पूर्णता, 
दोनों का अनुभव एक साथ होने लगता है । 
 अगर सम्पुर्ण सृष्टी के आदर्श श्रीराम हो तो ये धरती स्वर्ग है ।