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रिझाकर बातों ही बातों में,अपना हमें बताने लगे मोहब

रिझाकर बातों ही बातों में,अपना हमें बताने लगे
मोहब्बत है हमसे, वो लिखकर फरमाने लगे
बस पलभर की मोहब्बत को, जताना था उन्हें
और हम पागल, रंगीन अशियाने सजाने लगे
{ Read caption plz } आज कैप्शन में कोई line, कोई शायरी, कोई ग़ज़ल नहीं लिखूंगी 
आज अपने अल्फ़ाज़ों में ज़िन्दगी के बारे में लिखूंगी
👇👇👇👇👇👇

कितनी हसीन होती है न ज़िन्दगी bilkul प्यारी सी, मनमोहक से, कितने खेल खेलती है.मगर गलती तो इन कम्बख्त निगहों की होती इस दिल की होती है जो कितनी जल्दी अपने रस्ते से फिसल जाता है जो निगाहों को अच्छा लगता है ये दिल उसी पर मरता है और जो दिल को अच्छा लगत है निग़ाहें उसी पर टिकी रहती है

मगर एक बात बताऊँ ये सब न बस चार दिन का होता है फिर सब वैसा ही हो जाता है जैसा दिल्लगी और बदकिस्मती के पहले था, हां बदकिस्मती ही कहूँगी क्योंकि जो किस्मत से मिलता है, वो ज़िन्दगी भर के लिए मिलता है, और जो बदकिस्मती से मिलता है वो पलभर के लिए होता है.
रिझाकर बातों ही बातों में,अपना हमें बताने लगे
मोहब्बत है हमसे, वो लिखकर फरमाने लगे
बस पलभर की मोहब्बत को, जताना था उन्हें
और हम पागल, रंगीन अशियाने सजाने लगे
{ Read caption plz } आज कैप्शन में कोई line, कोई शायरी, कोई ग़ज़ल नहीं लिखूंगी 
आज अपने अल्फ़ाज़ों में ज़िन्दगी के बारे में लिखूंगी
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कितनी हसीन होती है न ज़िन्दगी bilkul प्यारी सी, मनमोहक से, कितने खेल खेलती है.मगर गलती तो इन कम्बख्त निगहों की होती इस दिल की होती है जो कितनी जल्दी अपने रस्ते से फिसल जाता है जो निगाहों को अच्छा लगता है ये दिल उसी पर मरता है और जो दिल को अच्छा लगत है निग़ाहें उसी पर टिकी रहती है

मगर एक बात बताऊँ ये सब न बस चार दिन का होता है फिर सब वैसा ही हो जाता है जैसा दिल्लगी और बदकिस्मती के पहले था, हां बदकिस्मती ही कहूँगी क्योंकि जो किस्मत से मिलता है, वो ज़िन्दगी भर के लिए मिलता है, और जो बदकिस्मती से मिलता है वो पलभर के लिए होता है.