असम की चाय की पत्तियों में जो ये रंग गहरा है वो ही आपकी नज्मों पर अरूणाई पहरा है अब आपके अल्फाजों को आफताबी क्या शब्द अर्पण करे गजलें आपकी वो चंदन काठ जिसपर हर नजर भुजंग सी सर्पण करें! करिश्मा खुदा का ये हमें मुकम्मल सा हुआ प्रतीत हो रहा है अब तलक इक दिव्य देह में स्पंदन नवजात शिशु के हृदय सा ठहरा है अब आपकी नेकियत का आपसे ही आफताबी क्या दर्पन करे ढूँढ़े है उक्त कुछ धागे जो आपकी शख्सियत का मेरी कविताओं में तुरपन करें! आपके जन्मदिवस पर आपको आफताबी की ओर से तहे दिल से मुबारकबाद...रब करे आपके चेहरे की मुस्कुराहट ताउम्र बरकरार रहे ! पहली बार आपकी शख्सियत को बखान करने का प्रयास किया है..पता है उस स्तर तक नहीं पहुंचे परन्तु आपको ये हमारा तोहफा समझ कर ही स्वीकार कर लेना आप वो है जिन्होंने प्रथम बार yq पर हमारे लेखन को सराहा.. और आप ही की वजह से हम आज थोड़ा बहुत लिख पा रहे है जिन्हें आपका स्नेह हमेशा अलग दर्जे का प्राप्त होता है ! बेहद आभार आपका हमें इतना स्नेह और सम्मान देने हेतु और इसके आगे ये शब्द कुछ भी नहीं !