पिता जी आज के परिवेश में भी 👇 हमारे जीवन की पाठशाला है। मौन और मुखर में भी अध्याय शाला है। हमारे सेल्फ़ीओं में नहीं आते। और शायद हम कभी कह नहीं पाते। टीमटाम नहीं है उनके जीवन की बातें । मौन सह जाता है उनकी उलझती दिन और रातें। प्रेम के किरदार में उन्हें सागर से भी गहरा है पाते। अब हम उनकी माथे की लकीरों को सीधा नहीं पाते। ~~शिवानन्द #पिताजी ❣️ #गुरूपूर्णिमा #thoughts #hindi #life #love #yqdidi #yqbaba