#OpenPoetry बाहर ठंड से ठिठुरता बरसात जमीन में छुपने को कई जतन कर रहा/ अंधेरी काली रात में डर से शोर के साथ खिड़कियों को थपक रहा/ बदहवास हवाएं उड़ा दे इससे बचने को छत के छज्जों में छुप रहा/ एक चाँद, कुछ बुझते तारों और शहरी जुगनुओं के सहारे बाहर ही पूरी रात ठिठका रहा/ #OpenPoetry #nojoto #Rain #KeNaShu