माना साथ हमारा यही तक था पर इतनी भी क्या जल्दी थी तुम्हे क्यूं तुम यूं गुमसुम से चले गए अभी हाथो की मेहंदी भी नहीं छुटी थी मेरी और तुम मेरी मांग भी सुनी कर गए.. तुमने जाते जाते वादा किया था मुझसे जल्द आओगे तुम लौट कर.. साथ में खुशनुमा पल बिताओगे कितने ख्वाब बुने थे हमने साथ में... तुम सब अधूरे छोर गए... दुनिया के इस भीड़ में क्यूं मुझे तन्हा कर गए.. जी लूंगी ज़िन्दगी तुम्हारे यादों के सहारे ... बस तुम ख्वाबों में आते रहना मेरे.. सुख चुके है आंसू अंखियां के.. दिल करता है थम जाए ये पल यही.. तुझसे लिपट कर यू ही तुम्हे, निहारती रहूं में जीवन भर.. गर्व है मुझे तुमपे तुमने देश के लिए जान गवाई है... आज शहीद हो कर तुमने हम सबको गौरांवित करवाई है... अब ईश्वर से बस एक ही प्रार्थना है मेरी.. इस जन्म में आपका साथ ना सही पर जब भी मै जन्म लू आपका ही यह साथ मिले.. आपकी ही पत्नी बनू ... इसका मुझे सौभाग्य मिले.. _Sonam Chandra ✍️ #indiansolders